नूतनायां प्रतिमायां जप्त्वा देवतासांनिध्यं भवति ।
प्राणप्रतिष्ठायां जप्त्वा प्राणानां प्रतिष्ठा भवति ।
भौमाश्विन्यां महादेवीसंनिधौ जप्त्वा महामृत्युं तरति ।
स महामृत्युं तरति य एवं वेद । इत्युपनिषत् ।।
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"भोमा अश्विनी योग "
(मंगलवार को अश्विनी नक्षत्र )
का संयोग हो रहा है।
इसे "अमृत सिद्धि योग "भी
कहा जाता है ।
"दुर्गा सप्तशती "के
"देवी अथर्वशीर्ष "का
पाठ अवश्य कीजिये ।
आपके पास नूतन देवी मूर्ति या प्रतिमा या चरण पादुका हो तो उन देवी स्वरूप पर 10 देवी अथर्वशीर्ष का पाठ करके ऐक पाठ से अभिषेक करें,रोगी को उस जल का पान करावे
शतमष्टोत्तरं चास्य पुरश्चर्याविधिः स्मृतः।
दशवारं पठेद् यस्तु सद्यः पापैः प्रमुच्यते ।
महादुर्गाणि तरति महादेव्याः प्रसादतः ।।
श्रीश्री बगलामुखी सर्वतन्त्रसाधना ज्योतिष
9328211011
भार्गव दवे राजकोट
93282 11011